अल-राज़ी
मुहम्मद इब्न जकारिया राजी (अरबी: أبو بكر محمد بن يحيى بن زكريا الرازي अबू बक्र मोहम्मद बिन याहिया बिन जकारिया अल-राजी ; फारसी: محمد زکریای رازی मोहम्मद-ए-जकारिया-ए-राजी), फारस (इरान) के प्रसिद्ध हकीम थे (संभवत: सन् ८५०-९२३)। इनका जन्म तेहरान के पास राज नामक नगर में हुआ था। इनके जन्म तथा मृत्यु का यथार्थ समय अनिश्चित है। ये फारस की खाड़ी पर स्थित बसरा नगर में बस गए थे।
व्यक्तिगत जानकारी | |
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जन्म | 854 इसवी [1] Rey (near Tehran), ईरान |
मृत्यु | 932 or 925 इसवी Rey, ईरान |
वृत्तिक जानकारी | |
युग | Islamic golden age |
क्षेत्र | दर्शनशास्त्र |
विचार सम्प्रदाय (स्कूल) | Persian science, आयुर्विज्ञान |
मुख्य विचार | रसायन शास्त्र, आयुर्विज्ञान, दर्शनशास्त्र |
प्रमुख विचार | The first to produce acids such as sulfuric acid, writing up limited or extensive notes on diseases such as smallpox and chickenpox, a pioneer in ophthalmology, author of first book on pediatrics, making leading contributions in inorganic and organic chemistry, also the author of several philosophical works |
अरबी में चिकित्साशास्त्र पर पुस्तक लिखनेवाले हकीमों में इन्हें अग्रगण्य समझा जाता है। इन्होंने लगभग २०० पुस्तकें लिखीं, जिनमें चिकित्साशास्त्र की अन्य पुस्तकों के सिवाय इस विषय का एक सार्वभौम कोश तथा गणित, ज्योतिष, धर्म और दर्शनशास्त्र पर भी पुस्तकें थीं। अपनी एक पुस्तक में इन्होंने सर्वप्रथम चेचक को मसूरिका से भिन्न रोग बताया।
इनकी अरबी की पुस्तकों का अनुवाद लैटिन भाषा में किया गया और इस प्रकार इनके द्वारा संचित ज्ञान का यूरोप में प्रसार हुआ।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Pathfinders: The Golden Age of Arabic Science (ISBN 978-1-84614-161-4)