जूल तापन
जब किसी प्रतिरोध-युक्त चालक से विद्युत धारा प्रवाहित करते हैं तो उस चालक के अन्दर ऊष्मा उत्पन्न होती है। इसे ही जूल तापन (Joule heating) या प्रतिरोध तापन (resistive heating) कहते हैं।
जूल के प्रथम नियम (जिसे जूल-लेंज नियम भी कहते हैं)[1] के अनुसार, किसी विद्युत चालक के अन्दर ऊष्मीय ऊर्जा उत्पन्न होने की दर (अर्थात ऊष्मीय शक्ति) उस चालक के प्रतिरोध एवं उसमें प्रवाहित धारा के वर्ग के गुणनफल के समानुपाती होती है।
जूल-तापन पूरे चालक को प्रभावित करता है (उसके किसी एक भाग को नहीं ; जैसा कि पेल्टियर प्रभाव के कारण होता है - केवल संधि (जंक्शन) पर ही गरमी होती है।)
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ Джоуля — Ленца закон Archived 2014-12-30 at the वेबैक मशीन. Большая советская энциклопедия, 3-е изд., гл. ред. А. М. Прохоров. Москва: Советская энциклопедия, 1972. Т. 8 (A. M. Prokhorov; एवं अन्य, संपा॰ (1972). "Joule–Lenz law". Great Soviet Encyclopedia (Russian में). 8. Moscow: Soviet Encyclopedia.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link))