देवराज (शाब्दिक अर्थ : राजा के रूप में देव) मध्ययुग में दक्षिणपूर्व एशिया के देशों के राजाओं का सम्बोधनसूचक शब्द था। यह परम्परा सनातन धर्म और स्थानीय परम्पराओं से उपजी हुई परम्परा थी। माना जाता था कि राजा, का स्वरूप दैवी है और वह श्री भगवान (प्रायः शिव और विष्णु को कहते हैं) का स्वरूप है। राजा को अलौकिक शक्ति से सम्पन्न तथा 'धरती पर देव' माना जाता था। यह मान्यता, भारतीय परम्परा में चक्रवर्तिन् से मिलती-जुलती थी।

हरिहर की प्रतिमा, जो विष्णु और शिव का मिश्रित रूप है और मजपहित के राजा कर्तारजश का चित्रण है।
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