लोशन एक निम्न से मध्यम श्यानता का, स्थानिक सम्पाक (चिकित्सीय निर्मिति) है, जिसका प्रयोग बिना कटी-फटी त्वचा पर लगाने के लिए किया जाता है, लोशन के विपरीत क्रीम और जेल की श्यानता उच्च होती है। अधिकांश लोशन जल-में-तेल प्रकार के पायसन (इमल्शन) होते हैं जिनमे सीटायरिल अल्कोहल जैसे पदार्थों का प्रयोग विभिन्न घटकों को पायसन में बनाये रखने के लिए किया जाता है, हालाँकि तेल-में-जल जैसे पायसन लोशन भी तैयार किये जाते हैं। लोशन को आमतौर पर बाहरी त्वचा पर हाथों, एक साफ कपड़े या रूई या चिकित्सीय पट्टी की सहायता से लगाया जाता है, जबकि क्रीम और जेल को आमतौर से एक व्यक्ति अपनी उंगलियों या हथेलियों से ही लगाता है।

कई लोशनों को विशेषकर हाथों की क्रीम और चेहरे की क्रीम को एक औषधि के रूप में प्रयोग में नहीं लाया जाता अपितु इनका प्रयोग, विशेष रूप से त्वचा को सिर्फ नरम और मुलायम बनाने में किया जाता है और यह विशेषकर प्रौढ़ और वृद्ध लोगों में बहुत लोकप्रिय हैं। जहाँ तक चेहरे पर उपयोग का प्रश्न है, इन्हें कई मामलों में एक प्रसाधन सामग्री के रूप में भी वर्गीकृत किया जा सकता है।

एक त्वचा की देखभाल संबंधी लोशन, क्रीम या जेल पायसन (तेल और पानी का मिश्रण) के प्रमुख घटक जलीय और तैलीय दो प्रावस्थायें, इन दो प्रावस्थाओं के विभाजन को रोकने के लिए पायसीकर और यदि मिलाना हो तो भेषज या भेषज पदार्थ, इसके अतिरिक्त सुगंध, ग्लिसरॉल, पेट्रोलियम जेली, रंजक, परिरक्षक, प्रोटीन और स्थिरण एजेंट जैसे घटक सामान्यतः लोशन में मिलाये जाते हैं।

बॉडी लोशन लगाने के फायदे Archived 2020-02-23 at the वेबैक मशीन

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