प्रकाशितकोशों से अर्थ

शब्दसागर

अरक ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. सेबार ।

२. पहिए का आरा । आरागज [को॰] ।

३. पितपापड़ा [को॰] ।

अरक ^२ संज्ञा पुं॰ [अरक]

१. किसी पदार्थ का रस जो भमके से खींचने से निकले । आसव । अर्क । क्रि॰ प्र॰—उतरना ।खींचना ।निकालना ।

२. रस । क्रि॰ प्र॰—निचोड़ना ।

३. पसीना । क्रि॰ प्र॰—आना—निकलना । मुहा॰.—अरक अरक होना=पसीने में भींग जाना ।

अरक ^३ पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ अर्क]

१. मदार । आक । उ॰—छपि छपि अरकन में खरि खरकन में भ्रमि भरकन में जाइ छसैं ।—पद्माकर ग्र॰, पृ॰ २८९ ।

२. सूर्य ।

अरक बादियान पु संज्ञा पुं॰ [अ॰] सौंफ का अरक ।

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