आगम
प्रकाशितकोशों से अर्थ
सम्पादनशब्दसागर
सम्पादनआगम ^१ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. अवाई । आगमन । आमद । उ॰—श्याम कह्यो सब सखन सों लवहु गोधन फेरि । संध्या को आगम भयो ब्रज तँन हाँकौ हेरि ।—सूर (शब्द॰) ।
२. भविष्य काल । आनेवाला समय ।
३. होनहार । भवितव्यता । संभा- वना । उ॰—आइ बुझाइ दीन्ह पथ तहाँ । मरन खेल कर आगम जहाँ ।—जायसी ग्रं॰, पृ॰ ९८ । यौ॰—आगमजानी । आगमज्ञानी । आगमवक्ता । क्रि॰ प्र॰—करना = ठिकना करना । उपक्रम बाँधना । जैसे,— यह नहीं कहते कि चंदा इकट्ठा करके तुम अपना आगम कर रहे हो । उ॰—मैं राम के चरनन चित दीनों । मनसास वाचा और कर्मना बहुरि मिलन को आगम कीनों ।—तुलसी (शब्द॰) ।—जनाना=होनेहार की सूचना देना । उ॰— कबहुँ ऐसा विरह उवावै रे । प्रिय बिनु देखे जिय जावै रे । तौ मन मेरा धीरज धरई । कोई आगम आनि जनावै रै ।-दादू (शब्द॰) ।—बाँधना=आनेवाली बात का निश्चय करना । जैसे,—अभी से क्या आगम बाँधते हो; जब वैसा समय आवेगा तब देखा जायगा ।
४. समागम । संगम । उ॰—अरुण, श्वेत सित झलक पलक प्रति को बरनै उपमाइ । मुन सरस्वती गंगा जमुना मिलि आगम कीन्हों आइ ।—तुलसी (शब्द॰) ।
५. आमदनी । आय । जैसे,—इस व्रष उनका आगम कम और व्यय अधिक रहा । यौ॰—अर्थागम ।
६. व्याकरण में किसी शब्दसाधन में वह वर्ण जो बाहर से लाया जाय ।
८. उत्पत्ति ।
८. योगशास्त्रनुसार शब्दप्रमाण ।
९. वेद । उ॰—आगम निगम पुरान अनेका । पढ़े सुने कर फल प्रभु एका ।—मानस, ८ । ४९ ।
१०. शास्त्र ।
११. संत्र शात्र ।
१२. नीतिशास्त्र । नीति ।
१३. संत्रशास्त्र का वह एंग जिसमें सृष्टि, प्रलय, देवताओं की पूजा, उनका साधन, पुरश्चरण और चार प्रकार का ध्यानयोग होता है ।
१४. प्रवाह । धारा [को॰] ।
१५. ज्ञान [को॰] ।
१६. संपति की बृद्धि [को॰] ।
१८. सिद्धांत [को॰] ।
१८. नदी का मुहाना ।
१९. (व्याकरण में) प्रकृति और प्रत्यय [को॰] ।
२०. सड़क या मार्ग की यात्रा । [को॰] ।
२१. लिखित प्रमाणपत्र [को॰] ।
आगम ^२ वि॰ [सं॰] आनेवाला । आगामी । उ॰—दरसन दियो कृपा करि मोहन बेग दियो वरदान । आगम कल्प रमण तुव ह्वै है श्रीमुख कही बखान ।—सूर (शब्द॰) ।