प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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चिमनी संज्ञा स्त्री॰ [अं॰]

१. ऊपर उठी हुई शीशे की वह नली जिससे लंप का धुँआ बाहर निकलता और प्रकाश फैलता है ।

२. किसी मकान, कारखाने, या भट्ठी के ऊपर लोहे या ईटों का बना वह लंबा छेद जिससे धूआँ बाहर निकलता है । विशेष—चिमनी कई प्रकार की बनाई जाती हैं । रहने के मकानों में जो चिमनी बनती है, वह बहुत ऊपर उठी हुई नहीं होती पर कल कारखानों (जैसे, पुतलीघर) में जो चिमनियाँ होती है वे बहुत ऊँची उठाई जाती है जिसमें धूआँ बहुत ऊपर जाकर आकाश में फैल जाय ।

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