प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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तख्ता संज्ञा पुं॰ [फ़ा॰ तख्तह्]

१. लकड़ी का वह चीरा हुआ लंबा चौड़ा और चौकोर टुकड़ा जिसकी मोटाई अधिक न हो । बड़ा पटरा । पल्ला । मुहा॰—तख्ता उलटना = (१) किसी प्रबंध का नष्ट भ्रष्ट हो जाना । किसी बने बनाए काम का बिगड़ जाना । (२) किसी प्रबंध को नष्ट भ्रष्ट करना । बना बनाया काम बिगाड़ना । तख्ता हो जाना = ऐंठ या अकड़ जाना । तख्ते की तरह जड़ हो जाना ।

२. लकड़ी की बड़ी चौकी । तख्त ।

३. अरथी । टिखटी ।

३. कागज का ताव ।

४. खेतों या बागों में जमीन का वह अलग टुकड़ा जिसमें बीज बोए या पौधे लगाए जात हैं । कियारी । यौ॰—तख्तए कागज = कागज का ताव । तख्तए ताबूत = वह संदूक या पलंग जिसमें शव ले जाते है । तख्तए तालीम = वह काला पटरा जिसपर बच्चों को अक्षर, गिनती आदि सिखाते हैं । शिक्षापटल । ब्लैक बोर्ड । तख्तए नर्द = चौसर खेलने का तख्ता । तख्तए मय्यत = मुर्दे को नहलाने का तख्ता । तख्तए मशक = (१) बच्चों की तख्ती । (२) वह चीज जो बहुत प्रयुक्त हो । तख्तए मीना = आकाश । आसमान ।

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